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Motivational Shayari | Inspirational Status

आज़ाद हैं तोह आसमान छु ही आएंगे
ज़िंदा है तो हर जंग जीत जायेंगे

साथ हैं हम तो दुनिया को दिखा आएंगे
तिरंगे के तीन रंगों में देश को समा जायेंगे

हर रिश्ते में विश्वास रहने दो;
जुबान पर हर वक़्त मिठास रहने दो;
यही तो अंदाज़ है जिंदगी जीने का;
न खुद रहो उदास, न दूसरों को रहने दो..!

छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर,
जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर.

कली बेंच देगें चमन बेंच देगें,
धरा बेंच देगें गगन बेंच देगें,
कलम के पुजारी अगर सो गये तो…
ये धन के पुजारी वतन बेंच देगें।

कोन जाने कब मौत का पैगाम आ जाए,
ज़िंदगी की आखरी शाम आ जाए,
हमे तो इंतजार है उस शाम का
जब हमारी ज़िंदगी किसी के काम आ जाए..

ज़िंदगी में बार बार सहारा नही मिलता,
बार बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,
है जो पास उसे संभाल के रखना,
खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता…

कर्म तेरे अच्छे हे तो
किस्मत तेरी दासी है!

नियत तेरी अच्छी है तो
घर तेरा मथुरा कशी है!

वादे पूरे करने की वो हिम्मत ही न जुटा पाये
क्यों होगा कैसे होगा वो हिकमत ही न जुटा पाये

जनता ऐसे मूर्ख बनेगी इसका उनको ज्ञान नहीं था
ये अनचाहा सब गले पड़ेगा ऐसा कोई भान नहीं था

लालच दिखा कर जनता को ऐसे ठगना ठीक नहीं
मैदान छोड़ कर भाग गये ऐसा भी करना ठीक नहीं

अपनी हठ को ऊपर रख आरोप थोपना ठीक नहीं
गलत नीति को ऊपर रख कानून तोड़ना ठीक नहीं

बहुत दिखाये थे सपने अब उन सपनों का क्या होगा
आप की खातिर धंधा छोडा उन अपनों का क्या होगा

ज़िक्र भी करदूं ‘मोदी’ का तो खाता हूँ गालियां
अब आप ही बता दो मैं
इस जलती कलम से क्या लिखूं ??

कोयले की खान लिखूं
या मनमोहन बेईमान लिखूं ?

पप्पू पर जोक लिखूं
या मुल्ला मुलायम लिखूं ?

सी.बी.आई. बदनाम लिखूं
या जस्टिस गांगुली महान लिखूं ?

शीला की विदाई लिखूं
या लालू की रिहाई लिखूं

आप’ की रामलीला लिखूं
या कांग्रेस का प्यार लिखूं

भ्रष्टतम् सरकार लिखूँ
या प्रशासन बेकार लिखू ?

महँगाई की मार लिखूं
या गरीबो का बुरा हाल लिखू ?

भूखा इन्सान लिखूं
या बिकता ईमान लिखूं ?

आत्महत्या करता किसान लिखूँ
या शीश कटे जवान लिखूं ?

विधवा का विलाप लिखूँ ,
या अबला का चीत्कार लिखू ?

दिग्गी का’टंच माल’लिखूं
या करप्शन विकराल लिखूँ ?

अजन्मी बिटिया मारी जाती लिखू,
या सयानी बिटिया ताड़ी जाती लिखू?

दहेज हत्या, शोषण, बलात्कार लिखू
या टूटे हुए मंदिरों का हाल लिखूँ ?

गद्दारों के हाथों में तलवार लिखूं
या हो रहा भारत निर्माण लिखूँ ?

जाति और सूबों में बंटा देश लिखूं
या बीस दलो की लंगड़ी सरकार लिखूँ ?

नेताओं का महंगा आहार लिखूं
या 5 रुपये का थाल लिखूं ?

लोकतंत्र का बंटाधार लिखूं
या पी.एम्. की कुर्सी पे मोदी का नाम लिखूं ?

अब आप ही बता दो मैं
इस जलती कलम से क्या लिखूं”

पी.एम्. की कुर्सी पे मोदी का नाम लिखूं ?

अब आप ही बता दो मैं
इस जलती कलम से क्या लिखूं”

कागज़ पर रख कर खाना खाये तो भी कैसे….
खून से लथपथ आता है अखबार आजकल!

हर नई सुबह का नया नज़ारा,
ठंडी हवा लेके आई पैगाम हमारा,

जागो,उठो,तैयार हो जाओ,
खुशियो से भरा रहे आज का दिन तुम्हारा.

उठा कर तलवार जब घोड़े पे सवार होते
बाँध के साफ़ा जब तैयार होते
देखती है दुनिया छत पे चढ़के
कहते है की काश हम भी ऐसे होशियार होते…

कड़ी से कड़ी जोङते जाओ तो जंजीर बन जाती है॥
मेहनत पे मेहनत करो तो तक़दीर बन जाती है।

बनाने वाले ने भी तुझे,
किसी कारण से बनाया होगा,
छोड़ा होगा जब ज़मीन पर तुझे,
उसके सीने में भी दर्द तो आया होगा…

ज़िंदगी मे अभी तो बहुत चलना बाकी हैं
अभी तो कई इंतेहनो से गुज़रना बाकी हैं
हमे लड़ना हे ज़िंदगी की सभी मुश्किलो से
हमने तो मुठि भर ज़मीन नापी हैं
अभी तो हमे सारा जहाँ नापना बाकी हैं …

उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको
खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको
हम तो कुछ भी देने के काबिल नहीं,
देनेवाला हज़ार खुशिया दे आपको!

सफ़र ज़िंदगी का बहुत ही हसीन है
सभी को किसी न किसी की तलाश हैं
किसी के पास मंज़िल हैं तो राह नही
और जिसके पास राह हें तो मंज़िल नही

हर पल मे खुशी देती है मा,
अपनी ज़िंदगी से जीवन देती है मा,
भगवान क्या है!!! मा की पूजा करो जनाब,
क्यूकी भगवान को भी जनम देती है मा…

खुद को ख़ुदा कहा और खुद ही ख़ुदा हो गए,
रिश्तों की कशमकश में खुद से जुदा हो गए !
बांचते रहे तमाम उम्र आईने में अपनी सूरत,
तन्हा रहे जिंदगी में और भीड़ में ही खो गए !!

कुछ उजाले की चकाचौंध से डरते हैं,
कुछ अँधेरे में परछायिओं से डरते हैं,
हम भी हैं तनहा अपनी रहबर निहारते,
पर जाने क्यूँ आपकी अंगडायिओं से डरते हैं !

कुछ को ख्वाब देख के जीने की आदत है,
कुछ को मैखाने में पीने की आदत है ,
हम हैं परेशां दीवानापन की आदतों से,
पर जाने क्यों शादी की शहनाईयों से डरते हैं!!

इंतजार कर रहा हूँ जुश्तजू जो है ,
इज़हार भले ही न करूँ आरज़ू तो है ,
कुछ मोहबत में किस्से सुने हैं ऐसे ,
हम अभी से आपकी तनहायिओ से डरते हैं !!

पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं,
वो सोचते हैं की हम कभी रोये ही नहीं,
वो पूछते हैं कि ख्वाबो में किसे देखते हो?
और हम हैं की उनकी यादो में सोए ही नहीं!

दिल के सागर मे लहरे उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख्वाबो में आ कर यू तडपाया ना करो…

जिसमे याद ना आए वो तन्हाई किस काम की
बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की.
बेशक इंसान को ऊंचाई तक जाना है….
पर जहा से अपने ना दिखे वो उँचाई किस काम की….

पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती,
दिल में क्या है वो बात नही समझती,
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती…

ख्वाइस तो यही है कि तेरे बाँहों में पनाह मिल जाये |
शमा खामोस हो जाये और शाम ढल जाये ||
प्यार इतना करे कि इतिहास बन जाये |
और तुम्हारी बाँहों से हटने से पहले शाम हो जाये ||

लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती,
लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती है

दिल की हर बात ज़माने को बता देते है
अपने हर राज़ से परदा उठा देते है
चाहने वाले हमे चाहे या ना चाहे
हम जिसे चाहते है उस पर ‘जान’ लूटा देते है.

हस्ती मिट जाती है आशियाँ बनाने मे,
बहुत मुस्किल होती है अपनो को समझाने मे,
एक पल मे किसी को भुला ना देना,
ज़िंदगी लग जाती है किसी को अपना बनाने मे…

गुल को गुलाब बना देते,
गुलाब को कमल बना देते,
जानम तुम हम पर मरते नहीं,
वरना जोधपुर में भी ताजमहल बना देते!

बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद

तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद

अब तक ढून्ढ रहा हूँ मैं अपने अन्दर के उस शख्स को,
जो नज़र से खो गया है नज़र आने के बाद ..

नई सी सुबह नया सा सवेरा,
सूरज की किरण मे हवाओ का बसेरा,
खुले आसमान मे सूरज का चेहरा,
मुबारक हो आपको ये हसीन सवेरा.

प्यार मे कुछ कुछ होता है
प्यार मे दिल तो पागल है
प्यार मे कभी खुशी कभी गम
प्यार एक ऐसी पहेली है जो ना तुम जानो ना हम…

खोकर पाने का मज़ा ही कुछ ओर है,
रोकर मुस्कुराने का मज़ा ही कुछ ओर है,
हार तो ज़िंदगी का हिस्सा है मेरे दोस्त,
हारने के बाद जीतने का मज़ा ही कुछ ओर है…

दुनिया प्यार करती हे बड़े जोर के साथ
हमने भी किया था बड़े शोर के साथ
अब न करेंगे
करेंगे भी तो बड़े गौर के साथ
क्यों की
कल हमने उन्हें देखा था किसी और के साथ…

मेरा दर्द किसी की हसने की वजह जरुर बन सकता है!
लेकिन मेरी हसी किसी के दर्द की वजह नहीं बननी चाहिए!

जिंदगी एक आइना है, यहाँ पर हर कुछ छुपाना पड़ता है|
दिल में हो लाख गम फिर भी महफ़िल में मुस्कुराना पड़ता है |

प्यार मे कोई दिल तोड़ देता है
दोस्ती मे कोई भरोसा तोड़ देता है
ज़िंदगी जीना तो कोई गुलाब से सीखे
जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ देता है…

मा आपकी याद सताती है, मेरे पास आ जाओ,
थक गया हूँ, मुझे अपने आंचल मैं सुलावो,
उंगलियाँ अपनी फिराकार कर बालों में मेरे,
एक बार फिर से बचपन की लोरियाँ सूनाओ…

उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको
खिलता हुआ

फूल खुशबू दे आपको

हम तो कुछ भी देने के बाबिल नहीं,
देनेवाला हज़ार खुशिया दे आपको!

हसना और हसाना कोशिश है मेरी,
हर कोई खुश रहे ये छत है मेरी,
भले ही कोई मुझसे याद करे न ना करे,
हर अपने को याद करना आदत है मेरी….

माँ ———–चाहिए..
बहन ——–चाहिए ..
बहु ——–चाहिए ..
तो फिर बेटी क्यों नहीं चाहिए ????????
बेटी बचाओ

सरकारी बस में मुसाफ़री नहीं ….
सरकारी स्कुल में सिक्षा नहीं …
सरकारी अस्पतालमे इलाज नहीं …
फिर भी आजके नोजवानो को नोकरी चाहिए सिर्फ सरकारी …..

जिंदगी में हर गम को छोड़ देना, ख़ुशी को नहीं,
हर मुश्किल को खो देना, कामयाबी को नहीं,
अगर ज़िन्दगी में कुछ खोना पड़े तो हमें खो देना,
पर अपनी हसी को नहीं……

सूरज निकल रहा हे पूरब से
दिन शुरू हुआ आपकी याद से
कहना चाहते हे हम आपको दिलसे
आपका दिन अछा जाए हमारी गुड मॉर्निंग से…

आई है सुभह वो रोशनी लेके,
जैसे नये जोश की नयी किरण चमके,
विश्वास की लौ सदा जलके रखना,
देगी अंधेरों में रास्ता चिराग बनके..

दिल होता है बड़ा नादान,
सेहता है ये मुश्किलों के तूफान,
उसपे कुरबान मेरे दिलोजान,
पर वो है इस बात से अनजान

गम ना कर ज़िंदगी बहुत बड़ी है,
चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है,
बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख,
तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है…

दिल होता है बड़ा नादान,
सेहता है ये मुश्किलों के तूफान,
उसपे कुरबान मेरे दिलोजान,
पर वो है इस बात से अनजान

गम ना कर ज़िंदगी बहुत बड़ी है,
चाहत की महफ़िल तेरे लिए सजी है,
बस एक बार मुस्कुरा कर तो देख,
तक़दीर खुद तुझसे मिलने बाहर खड़ी है…

मोहब्बत भी अजीब चीज़ बनाई तूने,
तेरी ही मस्ज़िद मे, तेरे ही मंदिर मे,
तेरे ही बंदे, तेरे ही सामने रोते हे,
पर तुजे नही, किसी ओर को पाने के लिए.

चाँद की महफ़िल में अनजाने मिल गए,
हमने देखा तो सब जाने पहचाने मिल गए,
मैं बढता गया सच्च के रस्ते पर,
वहीँ पर मुझे सभ खजाने मिल गए |

बैठे बैठे ज़िन्दगी बरबाद ना की जिए,
ज़िन्दगी मिलती है कुछ कर दिखाने के लिए,
रोके अगर आसमान हमारे रस्ते को,
तो तैयार हो जाओ आसमान झुकाने के लिए |

कहते हैं कि नारी ताड़न की अधिकारी है
जन्मा तुम को जिसने वो भी एक नारी है

गाँव की पगडंडी,हो या शहर का परिवेश
हर ओर ही नारी का शोषण जारी है

गैरों की बात क्या करना दोस्तों
अपनों के बीच भी कहाँ सुरक्षित नारी है

बेटी हो तो सिर बाप के झुक जाते है
दहेज की कुछ इस कदर फैली महामारी है

बेटा घर का चिराग बेटी पराये घर का राग
बेटे बेटी का ये अंतरद्वंद्व अभी भी जारी है

पाप किसी का दोष इसके के सर मढ़ा जाता है
इस जुल्म को देख भी चुप रहती दुनिया सारी है

आने देते नहीं बाहर माँ की कोख से
जन्म से पहले कर देते मृत्यु हमारी है

बेटा हुआ तो पुरुष का ही है सारा कमाल
हो गई बेटी तो ये माँ की जिम्मेदारी है

बेटे की चाह में कुछ यूं गिर जाते है लोग
पहली के होते करते दूसरे विवाह की तैयारी है

चैन से जीने नहीं देगा ये समाज तुझे
यदि घर में बैठी तेरे बेटी कुंआरी है

बेटे को दिए ये महल दुमहलें तुमने
बेटी को मिली सिर्फ़ औरों की चाकरी है

आज़ादी का सारा सुख तो है मर्दों के लिए
औरत की दुनिया तो बस ये चारदीवारी है

एक साथ ख़त्म हो जायें यदि औरतें सारी
तो मिट जायेगी ये जो सृष्टि तुम्हारी है

लुट रही है जो हर ओर लाज ललनाओं की
समाज के ठेकेदारों बनती तुम्हारी भी जवाबदारी है

महिला दिवस मना के एक पल ये भी सोचो
क्या नारी सिर्फ इस एक दिन की अधिकारी है ?